Hello दोस्तों, आईये आज बात करते है share मार्केटिंग के बारे में Share Market kya hai शेयर क्या है ? stock exchange क्या है ? share kaise kharide ? share मार्केट के फायदे और नुकसान क्या है ?
share मार्केट एक ऐसा बाज़ार जहाँ पर लोग अलग आगा कंपनियां की कुछ हिस्से बेचे या ख़रीदे जाते है | अगर आपने किसी कंपनी का share ख़रीदा है तो इसका मतलब है आप एक प्रकार का जुआ खेला है | क्यूंकि इसमें इतना रिस्क है की कुछ समय में आप अमीर लाखों कमा सकते है तो वहीँ आप कुछ समय में लाखों गवां भी सकते है |
किसी कंपनी का share खरीदने का मतलब है की आप किसी उस कंपनी कुछ हिस्से का मालिक हो गये है |
तो चलिए देर न करते हुए बात करते है share market kya hai
Share Market kya hai ?
Stock मार्केट share मार्केट equity मार्केट इन तीनों का एक ही मतलब होता है जहाँ पर आप कंपनी का share खरीद सकते हो या बेच सकते हो | share खरीदने का मतलब है आप कुछ परसेंट उस कम्पनी का ownership खरीद रहे हो | यानि उस कंपनी को कुछ परसेंट का लाभ होगा तो आप को भी कुछ परसेंट का लाभ मिलेगा | और अगर निक्सन हुआ तो आप को भी इस नुकसान को सहना पड़ेगा |
सबसे छोटे पैमाने पर इसका एक उदाहरण लेते है – आपको एक छोटा सा startup खोलना है आप के पास 10000 रूपये है लेकिन वो काफी नहीं है | तो आप अपने दोस्त के पास जाते हो कहते हो तुम भी 10000 रूपये लगा और हम आधा आधा का हिस्सेदारी करेंगे यहाँ पर |
तो आपके कंपनी का जो feature में लाभ होगा उसका 50% आपको मिलेगा 50% आपके दोस्त को मिलेगा | यही चीज बड़े स्केल पर स्टॉक मार्केट में होती है | बस फर्क ये है वहां पर आप अपने दोस्त के पास जाने बजाय पूरी दुनिया के पास जाते हो और कहते हो की आओ मेरी कंपनी में share खरीदो |
शेयर बाजार का इतिहास और उद्देश्य
share बाज़ार की शुरुआत आज से करीब 400 साल पहले हुई थी | 1600 ई के समय एक Dutch East India कंपनी थी जैसे एक British East India कंपनी थी वैसे ही डच ईस्ट इंडिया कंपनी भी थी | जो कंपनी आज के समय नीदरलैंड के नाम से जनि जाती है |
उस ज़माने में लोग समुद्री जहाज के जरिये बहुत तलाश किया करते थे | पूरा दुनिया का नकशा का खोज नहीं हुआ था | तो ये कंपनी भेजती थी अपनी दूसरी दुनिया की खोज करने के लिए तो ये हजारों किलोमीटर का सफर होता था जहाजों में | इसके लिए बहुत सारे पैसे की जरुरत होती थी |
ये पैसे किसी भी एक इन्सान के पास उतना नही था | तो उन्हों ने खुल कर लोगों को एक ऑफर दिया और कहा आओ हमरी जहाजो में पैसा लगाओ की जब ये जहाज इतना लम्बा सफर करके किसी और देश जायेगा और वहां जो कुछ भी खजाना ले कर लौटेगा तो उसमे से आप को भी कुछ हिस्सा मिल जायेगा |
लेकिन ये काम बहुत रिस्की होता था | क्यूंकि उस टाइम पर आधे से ज्यादा जहाज लौट कर ही नहीं आते थे, गुम हो जाते थे, टूट जाते थे, या लुट लिए जाते थे कुछ भी होता था उनके साथ | तो इन्वेस्टर ने देखा यह कम बहुत रिस्की है यहाँ पर उन्हों ने सोचा एक जहाज में पैसे लगाने से अच्छा कई सारी जहाजो में पैसा लगाया जाये, ताकि कोई एक जहाज तो वापस आएगा |
तो एक जहाज बहुत सारे इन्वेस्टर के पास जाकर ये पैसे लेता था | तो उसे कहीं न कहीं ये एक तरह से share मार्केट बन गया | देखते ही देखते यह system बहुत ही successful हो गया क्यूंकि जो कंपनियां की पैसे की कमी होती थी वो आम लोग पूरी कर देता थे | और आम लोगों को और ज्यादा पैसे कमाने का मौका मिलता था |
और आज के दिन दोस्तों हर देश के पास अपना एक स्टॉक एक्सचेंज है | और हर देश स्टॉक मार्केट पर बहुत ही निर्भर हो गयी है |
Stock Exchange क्या है ?
स्टॉक एक्सचेंज वो जगह है, जहाँ लोग कंपनियां के share खरीदते है और बेचते है | इसे दो प्रकार के मार्केट में बाटा जाता है
- Primary Market
- Secondary Market
Primary मार्केट वो है जहाँ पर कंपनियां आ कर अपने share को बेचती है | ये कंपनी के ऊपर है की Exactly वो क्या Price रखा अपने share का हालंकि इसके कुछ नियम भी होते है, लेकिन कंपनी ज्यादा ऊपर निचे कर नहीं सकती क्यूंकि यह डिमांड पर निर्भर करता है | कितना price लोग देने के लिए तैयार है शेयर्स के लिए |
अगर 1 लाख की value है एक कंपनी की वो अपने एक लाख शेयर्स बाटती है और 1 रूपये पर share लोगों को ऑफर करती है | अब अगर उसकी डिमांड ज्यादा है लोग चाहते है मैं भी share खरीदूं तो जाहिर सी बात है ज्यादा Price में बेच पायेगी अपनी शेयर्स को | तो एक रेंज तय की जाती है की हम इस रेंज में बेचेंगे |
अब जिन लोगों ने कंपनी से share खरीद लिए हैं इन लोगों ने उस share को किसी और लोगों से बेच सकते है इसे कहते है Secondary Market जहाँ पर लोग अपने आप में share खरीदते बेचते है, शेयर्स की ट्रेडिंग करते है | Primary Market में कंपनी ने एक price set कर दिया था अपने share का | लेकिन secondary मार्केट में price को कंपनी कुछ नही कर सकती है | अब ये share price उपर निचे होते रहेगा ये देख कर की डिमांड कितने है लोगों की खरीदने में |
भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज है ?
हर बड़े देश में एक अपनी स्टॉक एक्सचेंज होती है | वहीं भारत में दो पोपुलर स्टॉक एक्सचेंज है |
- Bombay Stock Exchange:- इसमें करीब करीब 5400 कंपनी register है |
- National Stock Exchange:- इसमें लगभग 1700 कंपनी रजिस्टर है |
अब इतनी सारी कंपनी एक स्टॉक एक्सचेंज में रेगिटर है अगर हमें overall देखना है स्टॉक एक्सचेंज में सारी कंपनी का कितना prices ऊपर निचे जा रहा है ये कैसे देखा जाए | इस चीज को देख रेख करने के लिए बनाई गयी है SENSEX और NIFTY
Sensex क्या है ?
सेंसेक्स बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की टॉप 30 कम्पनी का एक एवरेज ट्रेंड दिखता है की उन सारी कंपनियां की share price उपर जा रहा या निचे जा रहा |
SENSEX का फुल फॉर्म होता है Sensitivity Index
NIFTY क्या है ?
NIFTY का अर्थ देखे तो National + Fifty | नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की टॉप 50 कंपनी के share prices के क्या उपर निचे ट्रेंड दिख रहा है ये NIFTY दिखता है |
Share कैसे खरीदें- share kaise kharide
अब आप कैसे स्टॉक बाज़ार में कैसे पैसा इन्वेस्ट कर सकते है | इन्टरनेट के आने पहले आप को बॉम्बे एक्सचेंज बुल्डिंग में जा कर खरीदना पड़ता था | लेकिन इन्टरनेट के आने के बाद सिर्फ 3 चीजों की जरुरत है |
- Bank Account:- बैंक अकाउंट इस लिए आप को अपने पैसे की जरुरत होगी |
- Trading Account :- ट्रेडिंग अकाउंट इसलिए की आप ट्रेड कर सके आप पैसे इन्वेस्ट कर सके किसी कंपनी में |
- Demat Account :- Demat अकाउंट होता है जो स्टॉक्स जो आप खरीद रहें है उसे स्टोर करने के लिए एक डिजिटल फॉर्म में स्टोर करने के लिए उन स्टॉक्स को |
आज कल ज्यादातर बैंक 3 in 1 अकाउंट ऑफर करने लग गये हैं | की ये तीनो अकाउंट आपने बैंक अकाउंट के ही अन्दर हो | हम जैसे इन्वेस्तोर क कहेंगे रिटेल इन्वेस्टर यानि आम लोग जो इन्वेस्ट करना कहते है स्टॉक मार्केट में तो रिटेल इन्वेस्टर को हमेशा एक ब्रोकर की जरुरत होती है |
ब्रोकर वो इन्सान होता है जो खरीदार और बेचने वाला को एक साथ मिलाता है | अब हमारे लिए ब्रोकर हमारा बैंक भी हो सकता है या कोई third पार्टी app भी हो सकता होता है य कोई और प्लातेफ़ोर्म हो सकता है | जब ब्रोकर के जरिये पैसे लगाते है स्टॉक मार्केट में तो ये अपना कुछ कमीशन रख लेता है इसे कहते है Brokerage रेट कहते हैं |
Brokerage रेट बैंक चार्ज करते हैं ज्यादातर 1% लेकिन 1 परसेंट बहुत ज्यादा है लेकिन इतना होना नहीं चाहिए | आगर आप सही से ढूंढेंगें तो Brokerage रेट 0.1% से भी कम का मिल सकता है | ये ब्रोकरेज रेट उनके लिए बहुत निक्सन है जो बहुत ज्यादा ट्रेडिंग करते है |
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Investing and Trading
Investing और Trading दो अलग अलग चीजें है | इन्वेस्टिंग का मतलब है आप लम्बे समय के लिए कुछ स्टॉक खरीद कर रख लिए है और उसे बहुत सालो बाद बेचेंगे जिसे हम Long Term Investment भी कहते है |
वहीँ Trading का मतलब है एक बार स्टॉक ख़रीदा फिर थोड़ा बेचा फिर कुछ दिन के बाद फिर थोड़ा बेचा फिर कुछ दिन के बाद स्टॉक ख़रीदा इसी तरह से खरीदना बेचना जल्दी जल्दी करते रहते है, इसे कहते ट्रेडिंग | जिसे हम short Term investment के नाम से भी जानते है |
क्या share मार्केट में पैसा इन्वेस्ट करना चाहिए ?
क्या आप जानते है share मार्केट के फायदे और नुकसान क्या है?
काफी इसे जुए से compare करते है, क्यूंकि इसमें इतना ज्यादा रिस्क होता है | और मेरी राय में ये बिलकुल सही कहते है यह एक तरह की Gambling ही है | अगर आपको नही पता वो कंपनी किस टाइप की है कंपनी का performance कैसी रही है कंपनी का financial रिकॉर्ड कैसा है अगर accounting इनफार्मेशन देख कर उसकी history नहीं देखते तो एक तरह से जुआ खलने जैसा ही है |
क्यूंकि आपको कोई Idea ही नहीं की कम्पनी feature में कैसा perform करेगी | बस आप लोगों की बात सुन कर की लोग कह रहे कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रही है इसमें share मार्केट में पैसे लगाले तो इस लिए लगा रहे हो आप यहाँ पर | ये काम बुल्कुल नहीं करना चाहिए क्यूंकि ये काम बहुत ही रस्कि होता है |
और कुछ ऐसे भी लोग यहाँ पर जो रात दिन ये काम कर रहे जैसे की Traders है, expert है जिनको ज्यादा knowledge है स्टॉक मार्केट के बारे में वो जाहिर सी बात अच्छा परफॉर्म करेंगे क्यूंकि उन्हें पता होगा की ये सब की ये सब कैसे काम करता है | तो मेरी राय आप को share मार्केट में directly कभी भी इन्वेस्ट नहीं करना चाहिए |
उन expert पर भरोसा करना चाहिए अब इसका बहुत अच्छा form है Mutual Fund, क्यूंकि म्यूच्यूअल फंड्स में क्या होता है आप directly खुद नहीं decide करते की किस कम्पनी में इन्वेस्ट करना है | मुतुल फंड्स में आप एक एक्सपर्ट्स पर भरोसा डालते हो की वो एक्सपर्ट्स decide करे की किस कंपनी में इन्वेस्ट किया जाय |
असल में म्यूच्यूअल फण्ड ढ़ेरों कंपनी में इन्वेस्ट करते है ताकि loss होने का chances काफी कम रहे जैसे की मैं ने ईस्ट इंडिया कंपनी का उदाहरण दिया इन्वेस्टर बहुत जल्दी समझ गये थे की एक जहाज में पैसे कभी मत डालो, 5-6 जहाजो में पैसे लगाओ ताकि chances रहे कोई एक तो वापस लौट कर आए, तो म्यूच्यूअल फण्ड भी इसी तरह काम करते है |
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निष्कर्ष :-
दोस्तों आज हमने इस आर्टिकल में share मार्केट के बारे में बताने की कोशिश की है share market kya hai, stock exchange क्या है ? भारत में कितने स्टॉक एक्सचेंज है, share मार्केट के फायदे और नुकसान क्या है? मुझे उम्मीद है आप को इसे पढ़ कर कुछ अच्छा जानकारी हासिल हुआ होगा |
अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से share करें ताकि वो भी कुछ जानकारी हासिल कर सके | और अगर आपको इसके बारे में कोई सवाल या सुझाव तो हमें कमेंट कर जरुर बताएं हम आपकी सवालों का जवाब अवश्य देंगे | धन्यवाद !