दोस्तों आपने ED यानि की Directorate of Enforcement का नाम बहुत सुना होगा | देश में अक्सर इसकी चर्चाएँ होती रहती है आय से अधिक सम्पत्ति का मामला हो या फिर मनी लोंद्रिंग का जब भी उसकी जाँच होती है तब आपको ED का नाम सुनने को जरुर मिलता होगा |
आम तौर पर देखा जाए तो ज्यादा तर लोगों के पास यह जानकारी नहीं होता है की ED kya hai? मुझे उम्मीद है की आप ED के बारे में कुच्छ जानना चाहते है तभी आपने यहाँ पर आया है | कई बार तो इससे जुड़ी सवाल competitive exam में भी पुछे जाते है | तो आइए जानते है इसके बारे थोड़ा डिटेल में इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढेंगे तभी आप कुच्छ जन पाएंगे |
ED एक ऐसा जाँच एजेंसी है जो काले धन या किसी गैर तरीके से जमा किये गये संपत्ति के बारे में जाँच पड़ताल करती है | आप ने आक्सर सुना होगा की किसी घोटाला मामले में जाँच चल रही है जो की वो जाँच ED ही कर रहा होता है | इसी लिए हमारे देश में अभी कुच्छ ज्यादा ही ED के बारे में मीडिया पर चर्चा हो रही है |
हालंकि ED का नाम सुनना या उसके बारे जानना दोनों अलग अलग बातें है ये अलग बात ही की नाम सुनने के बावजूद इसके बारे ज्यादातर लोग नहीं जानते है | लेकिन दोस्तों ED एक ऐसी एजेंसी है जो हमारे देश के काला धन का जाँच करता है मनी लोंड्रिंग का जाँच करता है इसके अलावे में और भी बहुत सारे काम होते है | आईये इसके बारे में जानते है |
दोस्तों ED एक ऐसी संस्था है जो हमारे देश में अवैध संपत्ति या काले धन और मनी लोंड्रिंग जैसे मामलों को बारीकी से जाँच करती है और उस संपत्ति के मालिक को सजा दिलवाने का काम करती है | इसके अलावे और भी कई तरह के कार्य करते है
सबसे से पहले उन पॉइंट को जान लेते है जिसके बारे में हम चर्च करने वाले है ED kya hai ? इडी का गठन कब हुआ? इडी के अधिकार क्या-क्या होते है? इडी क्या काम करता है? इडी कैसे काम करता है? इडी का उदेश्य क्या है? ऐसे कई और भी सवाल जानेंगे, तो आइए जानते है ED kya hai ?
ED kya hai ? (ईडी क्या है?)
सबसे पहले अगर हम बात करे ED के फुल फॉर्म की तो इसका फुल form होता है Directorate of Enforcement यानिकी हिंदी में इसे प्रवर्तन निदेशालय कहा जाता है | वैसे तो ED के कई और भी फुल form होते है लेकिन हम यहाँ उन सब के बारे चर्चा नहीं करने वाले है | हम बात करने वाले है Directorate of Enforcement के बारे में |
यह एक ऐसी जाँच एजेंसी है जो भारत के फाइनेंस मिनिस्ट्री के Revenue डिपार्टमेंट के अधीन कार्य करती है | इसे हम इस तरह से भी समझ सकते है जो भारत में विदेशी संपत्ति के मामले मनी लोंड्रिंग और आय (Income) से अधिक जमा पूंजी की छानबीन और उससे जुड़ी पूछताछ का काम करता है |
प्रवर्तन निदेशालय यानि की ED केंद्र सरकार के हित में रह कर काम करने वाली एक संस्था है | जिसके द्वारा देश में हो रहे भ्रष्टाचार को कम करने और या उसे ख़तम करने का कार्य करती है | प्रवर्तन निदेशालय या Directorate of Enforcement एक गैर संवैधानिक संस्था है मतलब की इस संस्था के बारे भारत के संविधान में कहीं भी जिक्र नहीं किया गया है |
इसे दो राजकोषीय कानूनों (provisions of two fiscal laws)- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा)(Foreign Exchange Management Act, 1999 FEMA) और धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) (Prevention of Money Laundering Act, 2002 PMLA) के प्रावधानों को लागू करने का काम सौंपा गया है।
अगर हम बात करें इसमें काम करने वाले के officer को चुनाव के बारे में तो उनक चुनाव आईएस (IAS) और आईपीएस (IPS) जैसे अधिकारी रैंक के अनुसार इसका चयन किया जाता है |
यह एक तरह के ख़ुफ़िया तरीके से काम करने वाली एजेंसी होती है जो हमारे देश में फाइनेंसियल से जुड़ी अपराधों पर अपनी नजर टिकाए रखने का कार्य करती है और साथ में मनी लोंड्रिंग जैसे मामले की जाँच पड़ताल भी करती है इसके साथ ही आर्थिक रूप से कानून लागु करने का अधिकार भी ED को ही सोंपा जाता है |
मुझे उम्मीद है आपके सवाल यानि की ED kya hai के बारे मे थोड़ा बहुत कुच्छ समझ में आया होगा |
ईडी का गठन कब हुआ?
ईडी यानि की परिवर्तन निर्देशालय की स्थापना 1 मई 1956 को हुई थी और विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम, 1947 (FERA 1947) के तहत विनिमय नियंत्रण कानूनों के उल्लंघन को संभालता है।
एक साल बाद यानि की वर्ष 1957 में इस इकाई का नाम बदल कर प्रवर्तन निदेशालय कर दिया गया था और मद्रास में इसकी एक पहली शाखा खोली गयी थी | और जब इसका नाम बदला गया था उस समय इसके तीन शाखा खुल चुके थे जो की मद्रास, मुंबई, और कोलकाता में स्थापित किया गया था |
ED का Headquarter (मुख्यालय ) कहाँ है ?
इसके Headquarter यानिकी मुख्यालय की बात करें तो इसका मुख्यालय दिल्ली में स्थित है |वर्तमान समय में संगठन का नेतृत्व प्रवर्तन निदेशक, संजय कुमार मिश्रा, आईआरएस कर रहे हैं।
Regional Office
इसके पांच क्षेत्रीय कार्यालय बनाये गए है जो मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता और दिल्ली में है | क्षेत्रीय कार्यालयों का नेतृत्व विशेष प्रवर्तन निदेशक करते हैं।
Zonal Office
क्षेत्रीय कार्यालय अहमदाबाद, बैंगलोर, चंडीगढ़, चेन्नई, कोच्चि, दिल्ली, पणजी, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, जालंधर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पटना और श्रीनगर में हैं। आंचलिक कार्यालयों (Zonal Offices) के प्रमुख एक संयुक्त निदेशक होते हैं।
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ED के अधिकार क्या क्या होते है ?
ईडी Foreign Exchange Regulation Act 1973 के अंतर्गत काम करता है | इस अधिनियम को FERA के नाम से जाना जाता है लेकिन 1 जून 2000 को FEMA लागु कर दिया गया | कुच्छ समय के बाद FEMA से सम्बन्धित सभी मामले भी ED के अधिकार क्षेत्र में कर दिए गये |
वर्तमान समय में ED FERA 1973 और FEMA 1999 के अंतर्गत कार्यवाही करता है | अगर इसके अधिकार की बात करें तो
- प्रवर्तन निदेशालय को फेरा 1973 और फेमा 1999 यह दो अधिनियम के तहत भारत सरकार की सभी तरह की फाइनेंसियल जाँच करने का अधिकार प्राप्त है |
- इसके अलावा सरकार ने ईडी को विदेशी मुद्रा अधिनियम के तहत उल्लंघन से निपटने की पूरी छुट प्रदान कर रखी है |
- ईडी को विदेश में किसी भी सम्पत्ति पर कार्यवाही करके रोकथाम करने का अधिकार प्रदान किया गया है |
- मनी लोंड्रिंग के आरोप में पाए गए लोगों के खिलाफ जब्ती, गिरफ्तार और खोज करने का अधिकार भी ईडी के पास है |
- ईडी फाइनेंसियल रूप से देश में गैरकानूनी तरीके से हो रहे कार्य को लेकर उस पर करवाई कर सकता है |
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्य
- विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) कानूनों और प्रावधानों के उल्लंघन की जांच करना।
- Designated ईडी अधिकारी फेमा उल्लंघनों का न्यायनिर्णयन करते हैं।
- इसमें शामिल राशि का तीन गुना तक जुर्माना लगाया जा सकता है।
- Money Laundering Act, 2002 (PMLA) कानूनों और प्रावधानों के अपराधों की जाँच काना |
- ईडी के पास फेमा के नियम को उल्लंघन करने वाले दोषियों की संपत्ति को कुर्क यानि जब्त करना यानि अपने अधीन करने का अधकार है |
- “संपत्ति की कुर्की” का अर्थ है धन शोधन अधिनियम के अध्याय III के तहत जारी आदेश द्वारा संपत्ति के हस्तांतरण, रूपांतरण, या दोषी को कहीं आवाजाही पर रोक लगाने का अधिकार है |
- भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम(Processing cases of fugitive/s), 2018 के तहत भारत को छोड़ कर भागने वाले भगोड़े/भगोड़ों के मामलों पर कार्रवाई करना।
- Judicail Desigionकरवाई के अंतर्गत दंड की वसूली भी करता है | इसके लिए वह नीलामी भी करवाता है
- अगर कोई व्यक्ति Prevention of Money Laundering Act, 2002 (PMLA) Foreign Exchange Management Act, 1999 मतलब FEMA का पालन नहीं करता है उसके विरुद्ध जाँच करने का अधिकार और उसे अरेस्ट करने का अधिकार ED मतलब प्रवर्तन निदेशालय को दिया जाता है |
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भारत में भ्रष्टाचार को कम करने में ईडी की क्या भूमिका है?
भारत में भ्रष्टाचार को कम करने या रोकने में ED का बहुत बड़ा योगदान रहा है | यह एजेंसी अपने नियम और कानून के दायरे में रह कर कार्य करती है | यह एजेंसी मनी लोंड्रिंग और काले धन जैसे मामलो में सामिल दोषियों के खिलाफ बिना किसी के दबाव में आए जाँच करके उन्हें कानून के अनुसार सजा दिलाती है |
अगर हम इसकी भूमिका की बात करें तो ये वो एजेंसी है जिसके दर से लोग अवैध रूप से अपना पूंजी जमा करने झिझकते है यानि की डरते है | अगर यह संस्था नहीं होता तो लोग बेधड़क बिना किसी से डरे अवैध रूप से पैसा जमा करने लगेंगे | जिससे देश में क्राइम जैसी घटना भी बहुत तेजी से फ़ैल सकती है |
ईडी कैसे काम करता है ?
ईडी का मुख्य काम तो अवैध तरीके से पैसे बनाने वालो और मनी लोंड्रिंग के खिलाफ काम करता है लेकिन अब जानते है की ये काम कैसे करता है |और इसके काम करने के प्रक्रिया क्या है ?
ईडी ख़ुफ़िया संगठन की रिपोर्ट अलग अलग जरिये जैसे की ख़ुफ़िया विभाग और राज्य शिकायतों को फेमा 1999 को तोड़ने से सम्बधित जानकारी जुटाना और उसपर करवाई करने के लिए प्रदान की जाती है |
ED का उद्देश्य क्या है ?
ईडी के उद्देश्य ही प्रवर्तन निदेशालय के लक्ष्यों और लक्ष्यों को निर्दिष्ट करते हैं, और इसलिए उसके बारे में अध्यन करना हमरे लिये बहुत जरुरी हो जाता है प्रवर्तन निदेशालय के सभी मुख्य उद्देश्यों की सूची निम्नलिखित है:
- ईडी का पहला और मुख्य उद्देश्य यह की भारत सरकार के द्वारा बनाये गये दो प्रमुख कानून FEMA act of 1999 Money Laundering Prevention Act of 2002 (PMLA, 2002). को लागु करना और उसका जाँच करना है |
- यदि हम प्रवर्तन निदेशालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाते हैं, तो हम कई लक्ष्यों की सूची देख सकते हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित हैं, और ये ईडी के अन्य उद्देश्य हैं।
- ईडी विशेष रूप से एक जांच निकाय के रूप में भी काम करता है, और यह सार्वजनिक डोमेन पर पूरी जानकारी भी जारी करता है जो जीयूआई के दिशानिर्देशों के विपरीत है।
निषकर्ष:
आज हम इस आर्टिकल में आप का सवाल यानि की ED kya hai का जवाब दिया है | इससे जुड़ी और भी कई सारी जानकारी देने की कोशिश किया है | जैसे ईडी का गठन कब हुआ? ED का Headquarter ED का उद्देश्य क्या है ?
मुझे उम्मीद है ED kya hai पसंद आया होगा | अगर इससे जुड़ी कोई भी सवाल या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है हम आपके सवालों का जवाब जरुर देंगे | और हो सके तो इसे share भी कर दें जिससे हमें मोटिवेशन मिले ताकि भविष्य में और भी इसी तरह के सवालों का जवाब लाते रहे | धन्यवाद!